श्री गणेश जी की आरती

लेख को शेयर करें

भगवान गणेश जी पूजा(Ganesh ji ki Aarti  ) करने से घर में सुख समृद्धि आती है। विशेष रूप से श्री गणेश जी पूजा धनतेरस, दीपावली आदि अवसरों पर प्रमुख रूप से माता लक्ष्‍मी के साथ की जाती है।



भक्‍तों के द्वारा ऐसा कहा जाता है कि श्री गणेश और मां लक्ष्‍मी की पूजा करने से घर में धन सम्‍पत्ति की कोई कमी नही होती है। सनातन धर्म के अनुसार यदि किसी भी देवी देवता की पूजा अराधना की जाय तो उस देवता या भगवान की आरती अवश्‍य की जाती है। इसलिये आप श्री गणेश की पूजा करे तो आरती का गान अवश्य करें।



Aarti Ganesh ji ki

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे तिलक सोहे,
मूस की सवारी ॥

पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥

‘सूर’ श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥

दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥



गणेश भगवान जल्‍द प्रसन्‍न होने वाले देवता माने जाते है, यदि व्‍यक्ति नित्‍य श्री गणेश की अराधना करे तो उसकी सभी मनोकामनाएं जल्‍द ही पूरी होने लगती है।

ऐसी ही अध्‍यात्‍म से सम्‍बन्धित सभी जानकारी जानने के लिये Katha Star से जुडें रहें और यदि आपके मन कोई प्रश्‍न या सुझाव है तो हमें कमेंट करके बतायें। Ganesh ji ki Aarti पढने के लिये आपका धन्‍यवाद।

लेख को शेयर करें

Leave a Comment